अगर आप हमारे ब्लॉग पर युष्मद् शब्द का शब्द रूप जानने के लिए आये हैं , तो मैं आपको बता दूँ की यह उतना कठिन भी नहीं है जितना आप उसको समझते है या मानते हैं। हाँ एक बात यहाँ है की यह बालक , लता, या साधु जैसा नहीं होता।
हाँ अगर आपने अस्मद शब्द का शब्द रूप पहले हमारे ब्लॉग पर पढ़ा है तो आपको ज्यादा परेशानी नहीं होगी , क्योकि यह बिलकुल उसी के जैसा मिलता जुलता है।
संस्कृत में उपसर्ग की परिभाषा और इस्तेमाल
दरअसल मैं आपको बताऊ तो युष्मद् का शब्द रूप इसके संरचना के आधार पर नहीं बनता , बल्कि यह त्वम् का रूप है , हालाँकि त्वम् का धातु युष्मद् है , इसलिए इसका संरचना युष्मद् के आधार पर न बनकर त्वम के आधार पर बनता है।
युष्मद् शब्द का शब्द रूप
दरअसल युष्मद् शब्द के संरचना पर बहस कर के कोई फायदा नहीं है क्योकि यहाँ हमारा अकारान्त या कोई इकारांत शब्द न होने वाला है न ही कोई पुलिंग या स्त्रीलिंग , बल्कि अगर हम युष्मद् के संरचना की बात करें तो यह हलन्त से अंत होता है।
हालाँकि त्वम एक सर्वनाम है और मैं आपको बता दूँ की सर्वनाम की सम्बोधन विभक्ति नहीं होती , इसलिए हम यहाँ भी सम्बोधन के विभक्ति को नहीं लिखेंगे।
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
---|---|---|---|
प्रथमा | त्वम् | युवाम् | यूयम् |
द्वितीया | त्वाम् | युवाम् | युष्मान् |
तृतीया | त्वया | युवाभ्याम् | युस्माभिः |
चतुर्थी | तुभ्यम् | युवाभ्याम् | युष्मभ्यम |
पञ्चमी | त्वत्: | युवाभ्याम् | युष्मत् |
षष्ठी | तव: | युवयोः: | युष्माकम् |
सप्तमी | त्वयि | युवयोः: | युष्मासु |
सम्बोधन | - | - | - |
चलते चलते
तो जैसा की आपने युष्मद शब्द का शब्द रूप देखा , यहाँ आपको थोड़ा अजीब लगा होगा परन्तु मैं आपको बता दूँ की सर्वनाम शब्द का शब्द रूप इसी तरह से बनता है , जो की वास्तविक सरचना से भिन्न होता है।
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