समय का सदुपयोग पर निबंध - Essay on samay ka sadupyog in Hindi

समय का सदुपयोग, जब हम सुनते हैं तो हमें अपने द्वारा व्यर्थ में व्यतीत किए गए वह क्षण याद आते हैं, जिसे हम चाह कर भी ठीक नहीं कर सकते। 

 समय एक ऐसा शब्द है जिसे सुनकर हम खुद गंभीर हो जाते हैं। गंभीरता की कोई विषय ना भी हो फिर भी यह में गंभीर बना देती है। 

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समय का वास्तविक महत्व हमें जिम्मेदारियों के साथ पता चलता है। इन्हीं सब कारणों के कारण समय का सदुपयोग पर निबंध एक ऐसा विषय बन जाता है जिसे लिखने और समझने दोनों के लिए हमें पूर्ण रूप से सजग रहना पड़ता है। 

आज हम आपको समय का सदुपयोग पर निबंध प्रस्तुत करेंगे। जिसे पढ़कर आप खुद ही उसकी गहराई का आनंद ले सकते हैं। तो चलिए समय का सदुपयोग पर निबंध लिखना शुरू करते हैं। 

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भूमिका

समय का सदुपयोग से हमारा तात्पर्य है, समय का अच्छी तरीके से उपयोग।  जब हम अपनी जिंदगी में समय के महत्व को समझते हैं और समय का अच्छी तरीके से उपयोग करते हैं तो वह समय का सदुपयोग करना कहलाता है। 

समय के सदुपयोग के बारे में जितना कहा जाए उतना कम है, हमें समय का अच्छी तरीके से उपयोग करना चाहिए। 

शब्द किसे कहते हैं

संसार में समय की महिमा सर्वत्र गाई हुई है। संसार की सभी वस्तुओं में समय ही सबसे अधिक बलवान है। इतिहास गवाह है कि जिसने भी समय के महत्व को समझा या समय के सदुपयोग को समझा वह जीवन में सफल रहा। 

महापुरुषों के जीवन का अध्ययन करने पर ज्ञात होता है कि उन्होंने समय के महत्व को समझा और इसका सदुपयोग किया और इन्हीं के सहारे अपने चरम लक्ष्य की प्राप्ति की। समय की गति अबाध रूप से बढ़ती चली जाती है। 

 भाषा किसे कहते हैं ?

उसे मानव शक्ति कभी नहीं रोक सकती और ना कभी रोक पाएगी। 
यह कहावत तो आपने जरूर सुना होगा की छूटा हुआ वाण, कही हुई बात और बीता हुआ समय पुनः वापस नहीं आते। इसीलिए हमें समय के अनुसार आवश्यक और उचित कार्य करना ही समय के सदुपयोग को समझाता है। 

प्रस्तावना

मनुष्य का प्रथम चरण यानी 20-25 वर्ष की अवस्था अध्ययन और ज्ञान प्राप्ति का समय है। इस अवस्था में मनुष्य अपने भावी जीवन की तैयारी करता है। उसे इस समय हर प्रकार के ज्ञान तथा शारीरिक पुष्टता से अपने को सक्षम बनाने का प्रयास करना चाहिए।

विशेषण किसे  कहते हैं ?

जो व्यक्ति इन काल में समय का सदुपयोग नहीं करता अथवा समय के महत्व को नहीं समझ पाता, या वास्तविक कर्तव्य को दृष्टि में रखकर कार्य नहीं करता उसे अपने जीवन में समय के सदुपयोग को समझते हुए आवश्यक कार्य करना चाहिए क्योंकि समय बीत जाने पर फिर नहीं आता। 

मनुष्य बेकार हो जाता है, समय के सदुपयोग को अच्छी तरह समझ कर कार्य करने से मनुष्य को सफलता की प्राप्ति होती है। 

समय के सदुपयोग को समझना ही उन्नति की सबसे बड़ी कुंजी है। जो मनुष्य समयानुसार कार्य की आदत डाल लेता है और समय के महत्व को समझता है उसे किसी प्रकार की कठिनाई का कभी अनुभव नहीं होता। 

ऐसे लोगों में समय अनुसार काम करने की क्षमता आ जाती है और वह निर्णय आत्मक बुद्धि से  अपने कार्य को सही समय पर संपादित कर लौकिक जीवन को सफल बनाते हैं.

समय के सदुपयोग को समझ कर काम करने वालों की गतिविधि में समन्वय तथा समरसता रहती है अतः उनका पारिवारिक जीवन सुख में बन जाता है तथा उन्हें सदा आत्मशांति मिलती रहती है। 

क्रिया किसे कहते हैं //////////

समाज में सम्मानित होते हैं ऐसे व्यक्ति और वह समय के सदुपयोग को समझकर तथा समय का विभाजन करके उसे अधिक से अधिक लाभ भी उठाते हैं और जब जिस काम का अवसर होता है तब वह उसी काम को करके अपनी क्षमता बढ़ाते हैं। 

ऐसे व्यक्तियों को समयानुसार उनके प्रयास का यथोचित फल प्राप्त होता है। समय के सदुपयोग को बताते हुए कहा गया है कि जिसने लड़कपन में विद्या अध्ययन नहीं किया,  युवावस्था में धन नहीं कमाया वह वृद्धावस्था में क्या करेगा ?

    समय के महत्व को न समझ कर समय का सदुपयोग न करके कार्य करने के कारण मानव जीवन में शक्ति ही नहीं आ पाती। उसका मन इतना चंचल और अव्यवस्थित हो जाता है कि समयानुसार वह काम नहीं कर पाता। 

जिसने जीवन के प्रारंभ से ही समय के सदुपयोग को नहीं समझा, उसे कभी भी सफलता नहीं मिल पाती। समय के महत्व को समझ कर कार्य करने का प्रभाव जितना अच्छा होता है उतना ही समय के महत्व को ना समझ कर कार्य करने का प्रभाव घातक होता है।

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इसके कारण जीवन का प्रथम चरण विभिन्न प्रकार का अनुचित और हानिकारक भावनाओं का केंद्र बन जाता है। उस व्यक्ति के जीवन में बर्बरता, उद्दंडता और अव्यवहारिकता आ जाती है। 

अतः व गृहस्थ जीवन के योग्य ज्ञान प्राप्त नहीं कर पाता, इस बड़े अभाव के कारण उसमें उचित कार्य क्षमता का अभाव हो जाता है। अतः ना तो वह धन कमा पाता है और ना ही पारिवारिक जीवन को सुखमय बना पाता है। वह समाज में बस निंदा का पात्र बनकर अपना जीवन यापन करता है। 

प्रत्यय किसे कहते हैं ?

उप संहार

अतः हमें जीवन में सफलता को प्राप्त करने के लिए समय के सदुपयोग को समझना होगा। समय का सम्मान करना पड़ेगा और उचित समय पर उचित कार्य करना होगा।  निष्कर्षतः कहे तो समय के सदुपयोग को समझना ही सफलता की एकमात्र कुंजी है ,......

अलंकार  किसे कहते हैं ?

अंतिम शब्द 

 ऊपर हमने समय का सदुपयोग पर निबंध लिखा है। कोई भी निबंध लिखने के तीन प्रमुख भाग होते हैं : भूमिका, प्रस्तावना और उपसंहार।  इसीलिए मैंने निबंध को भी तीन भागों में बांटा है। 

आप अपने जरूरत के हिसाब से इस निबंध को छोटा या बड़ा कर सकते हैं। अगर आपको निबंध बड़ा करना हो तो आपके मन में समय के सदुपयोग से संबंधित जो भी जानकारी हो उसे आप इसमें जोड़ सकते हैं। 

छंद क्या है ?

अथवा अगर आपको निबंध छोटा करना हो तो आप इससे कुछ वाक्यों को छांट भी सकते हैं। 

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